Top bhairav kavach Secrets

Wiki Article

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं में सर्वतो गिरा

महाकालोऽक्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा।



देयं पुत्राय शिष्याय शान्ताय प्रियवादिने ॥ ३०॥

संहारभैरवः पातु मूलाधारं च सर्वदा ॥ १८॥

किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।

कुरुद्वयं लिङ्गमूले त्वाधारे वटुकाय च ॥ ११॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः । 





इति ते कथितं तुभ्यं देवानामपि दुर्लभम् ।

click here గమనిక: మా రెండు పుస్తకాలు - "నవగ్రహ స్తోత్రనిధి" మరియు "శ్రీ సూర్య స్తోత్రనిధి", విడుదల చేశాము.



ದಿವ್ಯಾಕಲ್ಪೈರ್ನವಮಣಿಮಯೈಃ ಕಿಂಕಿಣೀನೂಪುರಾದ್ಯೈಃ

Report this wiki page